बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

आवाज़ें बारिश की सुनी हैं कभी?


 आवाज़ें बारिश की

 

आवाज़ें बारिश की
सुनी हैं कभी?
सीमेंटिड आंगन पर
टिन की छतों पर
हरे चिकने पत्तों पर
खुली पानी की टंकियों पर
पत्थरों पर
सड़कों पर
गलियों में गिरती बारिश
हर बार हर जगह
अलग अंदाज़ के साथ
गिरती है बारिश
हर मंज़िल पर
अलग आवाज़ो का रास्ता
तय करती है बारिश
लेकिन
अंत उसका
एक सा ही होता है
चाहे चुपके से गिरे
चाहे झमाझम
गिरके खो जाती है
बारिश...

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